वरध तकत. Aldivan Teixeira Torres
Чтение книги онлайн.

Читать онлайн книгу वरध तकत - Aldivan Teixeira Torres страница 23

Название: वरध तकत

Автор: Aldivan Teixeira Torres

Издательство: Tektime S.r.l.s.

Жанр: Биографии и Мемуары

Серия:

isbn: 9788873047537

isbn:

СКАЧАТЬ का प्रतिनिधित्व करती है जिससे हम उसे बिना जाने भागते रहते हैं। असफलता हमेशा सीखने का सबक होना चाहिये। यह वह क्षण होता है मानव खोज करता है कि वह सर्वोत्तम नहीं है, कोई भी रास्ता अभी नहीं बना है और यह क्षण है फिर से बनने का। यह चीज हमेशा करनी चाहिये: पुनर्जीवित हो। उदाहरण के लिये पेड़: वो अपने पत्ते तो खो देते है लेकिन अपना जीवन नहीं। उन्हें वैसे ही रहने दो जैसे वे है: रूपांतरण कर लो। जिंदगी में उसकी आवश्यकता होती है। डर वहाँ उपस्थित होता है जब भी हम कभी हम डरा या दबा हुआ महसूस करते हैं। यह नई असफलताओं का शुरूआती बिंदु है। अपने डर पर जीत पाओ और पाओगे कि यह सिर्फ हमारी कल्पना में होता है। मैंने गुफा के गलियारे के एक अच्छे हिस्से को पार कर लिया है और इस समय में, मैं ख़ुशी के दरवाजे को पार कर रहा हूँ जो बहुत ही जरुरी है। हर कोई इस द्वार से जा सकता है और खुद को समझ सकता है कि ख़ुशी रहती है और उसे पाया जा सकता है अगर हम ब्रम्हांड के साथ साथ चलें। यह सम्बंधित रूप से आसान है: कामगीर, राजमिस्त्री, चौकीदार अपने मिशनों को पूरा करने से खुश है, किसान, गन्ना उगाने वाला, चरवाहे सब खुश हैं अपनी मजदूरी का उत्पादन इकठ्ठा करके; शिक्षक पढ़ाने में और सिखाने में; लेखक पढ़ने और लिखने में; पंडित पुण्य विचारों को बांटने में; जरुरती बच्चे, अनाथ और भिखारी प्यार और चिंता के शब्द सुनकर खुश हैं। ख़ुशी हमारे अंदर है और लगातार खोजे जाने की जरूरत है। सच में खुश रहने के लिए हमें घृणा, असफलता, फालतू बातें और शर्म को भूलने की जरूरत है। मैं चलता गया और सभी जालों को देखा जिनसे मै बचने में कामयाब रहा और अचंभित हुआ की अगर लोग भरोसे, रास्ते और किस्मत के नहीं बने होते तो किसके बने होते। उनमे से कोई भी जाल को पार नहीं कर पाया क्योकि उनके पास सुरक्षा का जाल СКАЧАТЬ